त्वचाविकार के लिए शिवाम्बु अनमोल दवा हैं।
श्री. विनायक रंगनाथ हमदापूरकर
’जानकी’, यलदारकर प्लॉट,वसमत रोड, परभणी
( 9325177377
मैं बिल्कुल स्वर्ग में हुँ, ऐसा मुझे लग रहा था। क्योंकि मैं इन दस दिनों में आनंदकुंज में रह गया था। इसका कारण भी कुछ तो है - वो है मुझे सतानेवाली ’स्कीन अॅलर्जी’। आनंद्कुंज में किए जानेवाले उपचार कुछ अलग ही है। इसमें सुबह जल्दी ऊठकर खूली हवा में घूमना, उसके बाद प्राणायाम, सूर्यस्नान, उसके बाद मडबाथ, अॅक्युप्रेशर और अंत में सत्संग यही है, यहाँ किये जानेवाले उपचार। सबसे महत्व की बात यह हैं की यहाँ बिमारीपर सिर्फ उपचार नही किये जाते हैं, बल्कि वो बीमारी आयी कहाँ से इसका पता लगाते हैं। और फिर बाद में ये सारी बातें करते हैं। इसके साथ ही रोगों के साथ किस तरह लडाई करनी चाहिए इसका भी प्रशिक्षण, यहाँ पर होनेवाले सत्संग के माध्यम से बताया जाता हैं।
अपनी मधुर भाषाशैली का सदुउपयोग करके डॉ. श्री शशी पाटीलजी के दोनों सुपुत्र डॉ.नितीन और डॉ. सारंग सत्संग में जो आचार-विचार प्रकट करतें हैं उनको सुनने के बाद तो जिंदगी इतनी अनमोल लगती है कि जैसे वो अपने ही हाथ में है। इनकी विचारधारा और वाणी सुनकर ऐसा महसूस होता हैं कि, इन तीनों डाक्टरों के रूप से स्वयं भगवान ने ही जन्म लिया हैं। इन जैसे अवतार पुरूष कुछ युगों के बाद ही जन्म लेते हैं- जैसे महात्मा गांधी, विवेकानंद, श्रीमद् शंकराचार्य !
यहां का कर्मचारी वर्ग भी बहुत ही सुस्वभावी और सेवाभावी वृत्ति का हैं। और क्यों नहीं होगा ? ये लोग तो हमेशा ’आनंदकुंज’ में होते हैं।