बध्दकोष्ठता और उच्चरक्तचाप से मुक्ती मिली
श्री. सदाशिव महाजन
1609, ई वॉर्ड, राजारामपुरी,
6 वी गल्ली, कोल्हापूर
(0231) 2655969
मुझे बध्दकोष्ठता की शिकायत शुरू हुई थी। इसके साथ साथ मुझे उच्चरक्तचाप और स्थूलता की तकलिफ थी। शिवाम्बु भवन का परिचय मुझे बहुत सालों का है। डॉ. शशी पाटीलजी मेरे निकट मित्र है। मैं बहुत सालों से शिवाम्बु पी रहा था। पर बाकी के सब आहार मैं ठीक तरीक्के से नहीं लेता था। इसके कारण मुझे इधर उधर की छोटी छोटी शारिरिक तकलिफें होती रहती थी। इसलिए मैं शिवाम्बु भवन में दाखिल हो गया था। आने के बाद मैंने तीन चार दिन रहकर वापस लौटने का निर्णय ले लिया था। पर यहाँ के उपचार मै ले रहा था वैसे वैसे मुझे अपने शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हुए नजर आ रहे थे। मुझे तन के साथ साथ मन में भी कुछ फर्क लग रहा था। इसलिए मैंने उपचार के दिन बढाकर दस रहने का फैसला कर ही लिया। इन दस दिनों में मेरा वजन पांच किलो घट गया और ब्लडप्रेशर 120/80 हो गया जो उपचार के पहले 140/ 90 इतना था। बध्दकोष्ठता का तो नामोनिशान ही मिट गया।
शिवाम्बु, पाणी, सोया कॉफी, मूगसूप, अंबील और कुछ फल खाकर मैं यहां दस दिन रहा था। शिवाम्बु भवन में सुबह ढाई बजे ऊठना, उसके बाद बिना पांव में कुछ डाले खुली हवा में चक्कर लगवाना, उसके बाद सूर्यस्नान, फिर मडबाथ या भूगर्भचिकित्सा, दोपहर को अॅक्युप्रेशर, शाम को सत्संग और रात को सोते समय मिट्टी की पट्टीयां बांधना इन सब कार्यक्रमों से तो आदमी अपने आपको भूलकर वो सुख पाता है जो उसे कहीं नहीं मिलेगा। इन सब के साथ हमेशा शुरु रहता है वह है शिवाम्बु पान। शिवाम्बु पान करना यही यहां की खासियत है और इसीसे आदमी इतना तंदुरुस्त और उत्साही बन जाता है।
डॉ. शशी पाटील के दोनों बेटे डॉ. नितिन और डॉ. सारंग और इन दोनों के साथ यहाँ पर होनेवाला कर्मचारी वर्ग शिवाम्बु भवन की शोभा अपने कर्तुत्व से और भी बढाने में सहायता करते हैं।