आँखों की सुजन, आखिर शिवाम्बु से ही दूर हो गई।
हमारा सारा परीवार पिछले चार सालों से शिवाम्बु प्राशन कर रहा है। हमें कभी भी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पडी। चार साल पहले हमे शिवाम्बु और आनंदकुंज के बारे में पता चला। मेरे बडे बेटे योगेश का अॅक्सीडंट हुआ, उसके करीब पंधरा दिन के बाद उसके आँख सुजने लगी। पुणा में अच्छे डॉक्टर को दिखाया, देढ साल तक इलाज करवाया, लेकिन कुछ भी असर नहीं हुआ। उसके बाद पुणा में ही आनंदकुंज के संस्थापक डॉ. शशी पाटील उनसे मुलाकात हुई। उनसे मिलने के बाद ऐसा लगा भगवान ही मिले है। और उन्होंने बिमारी का पुरा इलाज किया।
उस दिन से याने सन 2010 से आज तक कोई भी तकलीफ नही हुयी। उसी समय से हम सब लोग शिवाम्बु प्राशन करते है। हमारे सब कुठुंब को कभी भी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नही लगी। हम यहाँ पर इलाज के लिए आने के बाद डॉ. नितीन पाटीलजी और डॉ. सारंग पाटीलजी ने हमारा अच्छे तरह से इलाज किया। यहाँ के सेवाकर्मीयों ने भी हमारी अच्छी तरह से सेवा की। इस सब के लिए मैं सबको धन्यवाद देता हूँ।