शिवाम्बु के कारणही हड्डी के कैंसर से मैं बच पाया।
मैं हड्डी के कैंसर की बीमारी से बहोत परेशान था। इस बीमारी की वजह से मेरे हालत बहोत खराब हो गई थी। मेरी पीठ, गर्दन पेट के साथ साथ पूरे बदन में बहोत दर्द होता था। इसपर इलाज करवाने के लिए मैंने मिरज के एक हस्पताल में करीब दो महीनों तक इलाज करवाया। इस दौरान मुझे 5000 रूपये किमत का एक ऐसे पूरे 3 किमो के इंजेक्शन लगवाये। लेकिन उससे भी कोई खास फरक महसूस नहीं हुआ। बदन दर्द और बाकी तकलीफ से छुटकारा तो नहीं मिला और खर्चा भी जादा हो गया। उस वक्त मैंने मेरे बेटे को कहाँ था की, अब मेरे इलाज पर पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं हैं, बिना वजह अपना पैसा जाया मत करो।
तभी शिंदेवाडी के ग्रामसेवकजी ने हमें आनंदकुंज के बारे में जानकारी दी और हमें एक उम्मीद की किरण मिलने का एहसास हुआ। तभी हम तुरंतही आनंदकुंज में आकर दाखिल हो गए। जब आनंदकुंज में दाखिल हुआ, तब मुझे न तो सिधा खडा रहने को आता था और न ही चलने को। मुझे अगर थोडा भी चलना होता तो, कभी लाठी का सहारा लेना पडता और कभी दो लोगो के सहारे की जरूरत पडती थी। लेकिन यहाँ आते हीं शिवाम्बु उपवास से मेरे इलाज कि शुरूआत हुई।
उसके साथ ही यहाँ के विविध प्रकार के नॅचरोपॅथी उपचार भी मुझे किए गये। यहाँ हर दिन के उपचार के बाद कुछ तो बदलाव आ रहा है, यह महसूस हो रहा थाऔर इस बदलाव का सही चित्र उपचार के छठे दिन दिख गया ! मैं, जो यहाँ आते वक्त दो लोगो के सहारे के साथ दाखिल हुआ था, अब छठे दिन किसी के सहारे के बीना ही चलने लगा। यह देखकर मेरे साथ, मेरा बेटा भी बहोत खुश हो गया। हम दोनों के लिए तो यह एक आश्चर्य ही था। अगले चार दिनों में याने इलाज के दसवे दिन तक मुझमें और जादा बदलाव आया और मुझमें आत्मविश्वास बढ गया।
आनंदकुंज से निकलने के बाद मैंने यहाँ बताई हुई सुचना के अनुसार घर में सभी बातें सही तरीके से शुरू रखीं, जैसे खाने में फल, नाचणी की अंबील, हरी सब्जियाँ इन चिजों का उपयोग किया। उसीके साथ यहाँ बताई गई कसरत भी हर रोज करता हूँ। इन सब चिजों के कारण आज मैं जब शिवाम्बु भवन में डॉक्टर साहब को मिलने को आया तब मेरी तबीयत बिलकुल ठीक है। अभी मेरा पूरा बदन दर्द चला गया है। मैं मेरे गाव में खुद अकेला, किसी के सहारे बीना ही घुमता हूँ। मैं मेरी पहली वाली जिंदगी फिर से जी रहा हूँ, ऐसा एहसास मुझे हो रहा है।
सचमुच आज तो मुझे ऐसा लग रहा है कि, मुझे नई जिंदगी मिल गई। इसका पूरा श्रेय जाता हैं, शिवाम्बु उपचार और आनंदकुंज को और इसी लिए मैं आनंदकुंज परीवार का बहोत बहोत आभारी हूँ।