अॅलोपॅथी से जो नहीं हुआ, वो शिवाम्बु ने कर दिखाया।
मै वैद्यकीय अधिक्षक उपजिल्हा रूग्णालय निफाल में पांच साल से कार्य कर रहा हू। मेरे बढे भाई डी. एन. गुठे पिछले 25 वर्षो से शिवाम्बु उपासक प्रचारक हैं। उन्होने ही मुझे और मेरे परीवार को शिवाम्बु का उपासक बनने की सलाह दी। मैने शिवाम्बु के बारे में, शिवाम्बु के किताब और इंटरनेट से जानकारी हासिल कि थी। मैं 2002 साल से शिवाम्बु का उपासक हुं। मुझे पेट की तकलिफ थी, इसलिए मैंने अॅलोपॅथी में उपलब्द बहोतसारे इलाज किए, लेकिन सही तरीके से राहत महसूस नहीं हो रही थी। तो मैंने मेरी इस तकलीफ का इलाज शिवाम्बु के उपयोग से करने का निर्णय ले लिया और तभी से मैंने शिवाम्बु लेना शुरू किया।
फिर इस इलाज को पूरे शास्त्रोक्त तरीके से करने के लिए मैं आनंदकुंज के दस दिन के कोर्स के लिए यहाँ दाखिल हो गया। यहाँ आतेही यहाँ के डॉक्टरों ने मुझे यहाँ के पूरे इलाज और सिस्टम की पूर्ण जानकारी दी। उसे समझतेही उसी दिन से मेरा इलाज शुरू हो गया।
मैं अलोपॅथीक मेडीसीन का डॉक्टर हुं और शिवाम्बु चिकित्सा की शास्त्रोक्त जानकारी लेने के लिए, मैंने आनंदकुंज में दस दिन रहकर उसका अनुभव,अभ्यास और उपचार लिया। आनंदकुंज में मिले इस अनोखे अनुभव और सेवा के लिए मैं सबको धन्यवाद देता हूँ।