हेपेटायटीस-बी की बीमारी में शिवाम्बु है सबसे असरदार !
मुझे 2008 से हेपेटायटिस-बी यह बीमारी थी। मेरे पित्ताशय की शस्त्रक्रिया भी हुई थी। मेरे चाचा श्री. सुदेश कांबळे ने मुझे स्वमुत्र आणि इतके स्वास्थदाई ? यह किताब दी। मैंने वह पढी। हर साल DNA/HBV का परीक्षण करवाता था। लेकिन कुछ सुधार नहीं हो रहा था। फिर मैंने डॉ. शशी पाटील जी की एकच पेला शिवाम्बुचा यह किताब भी पढी। उसके बाद मैंने घरमें छुपछुपकर शिवाम्बु प्राशन शुरू किया। किसीने मुझे महंगी अमेरीकरन दवाई खाने की सलाह दी, लेकिन मैंने इन्कार कर, आनंदकुंज का पता धुंडा और यहा दाखिल हो गया।
यहाँ दाखिल होते ही शिवाम्बु उपवास से मेरे उपचार कि शुरूआत हुई। दो दिन उपवास होने के पश्चात मुझे ऐसा लगा की, कुछ अच्छा बदलाव हो रहा है। सातवे दिन मेरी अॅसिडीटी खत्म हो गयी। योगा करने से शरीर में सुधार हुआ।
डॉ. नितीनजी और डॉ. सारंगजी इन दोनो का सत्संग में होनेवाला प्रवचन बहुत ही जानकारी पूर्ण और प्रेरणादायी लगा। सबेरे जल्दी उठना पडता था। फिर भी बहोत उत्साह महसूस करता था। यहाँ से आज जाते वक्त ऐसा लग रहा हैं, जैसे अपना घर छोडकर ही कहीं पर जा रहें हैं। यहाँ पे मुझे जितना ज्ञान प्राप्त हुआ वह मैं सबको बताऊंगा और इस उपचार पद्धती का जितना प्रचार करना संभव होगा, मैं जरूर करूंगा।
यहाँ इन दस दिनों में मैंने विविध उपचारों का लाभ लिया और इसी कारण मुझमें अभी नवचैतन्य निर्माण हो गया है, इसीलिए अब मैं कह सकता हूँ, मैं स्वस्थ हूँ। मैं मस्त हूँ। मैं जबरदस्त हूँ। इन सब के लिए मैं आनंदकुंज का आभारी हूँ।