बिना दवाई डायबिटीज कंट्रोल में आ गया
मैं पिछले कई सालों से डायबिटीज से परेशान था। उससे राहत पाने के लिए बाकी लोगों की तरह मैं भी अॅलोपॅथी दवाईयों के साथ इलाज करवा रहा था। फिर भी इस डायबिटीज की बीमारी से मुझे पूरी तरह से राहत नहीं मिल रही थी। डायबिटीज की दवाईयाँ खाने के बाद भी मेरी शुगर लेवल 225 से 250 रहती थी, जिससे मैं बहोत परेशान हो गया था।
तभी मेरे एक मित्र ने मुझे आनंदकुंज और वहां पर होनेवाले उपचार पद्धती की जानकारी दी। उसे सुनने के बाद मैंने तुरंत फैसला किया कि, अब मैं मेरे डायबिटीज से मुक्त होने के लिए एक बार जरूर, आनंदकुंज में जाकर आगे की ट्रीटमेंट लुंगा और फिर दो ही दिनों में मैं आनंदकुंज में इलाज के दाखिल हो गया।
आनंदकुंज में आते ही, सबसे पहले ऑफिस में मेरी मुलाकात यहां के डॉक्टर्स से हुई, जिन्होंने मेरी पूरी जानकारी ली और आनंदकुंज में होनेवाले इलाज की जानकारी दी। उस जानकारी को सुनकर मैं, मुझे बहोत अच्छा लगा और उसी दिन से मेरा इलाज शुरू हो गया।
मेरे इलाज की शुरूआत, शिवाम्बुपान और शिवाम्बु उपवास से हुई। जिसमें मुझे पुरे 5 दिनों तक सिर्फ शिवाम्बु और पानी का ही सेवन करना पडा। लेकिन, फिर भी इस उपवास के दौरान, मुझे कुछ खास भुख का अहसास नहीं हुआ।
उसके साथ ही हर सुबह का योग-प्राणायाम, उसके बाद अमृतपान से होनेवाली शरीरशुद्धी और पुरे दिन में डॉक्टर साहब के सुचनानुसार होनेवाले अलग-अलग निसर्गोपचार, जिनमें मसाज, मडबाथ, सुर्यस्नान, बाष्पस्नान, भुगर्भस्नान, इनका भी लाभ लेने का मुझे मौका मिला।
इस पूरे उपचार के दौरान मैंने मेरी डायबिटीज की दवाई बिलकुल नहीं खाई, फिर भी मेरी शुगर लेवल 100 ही रहती थी, जो पहले दवाईयां खाने के बाद भी 225 से 250 रहती थी। इससे मुझे मानसिक तौरपर भी बहोत सुकुन मिल गया।
यहां के इन दस दिनों के उपचार के दौरान, मेरा वजन भी 4 किलो से कम हो गया, जिसकी मुझे बहोत खुशी हुई। अब घर जाकर भी मैं यहां के सुचनानुसार ही अपनी दिनचर्या रखने की पुरी कोशिश जरूर करूंगा।
आनंदकुंज में मिले इस नई सेहतभरी जिंदगी के लिए मैं पूरे आनंदकुंज परीवार को धन्यवाद देना चाहता हूं। धन्यवाद!