गर्भाशय के कैंसर की तकलीफ में बहोत राहत मिली।
मेरा आठ महिने पहले गर्भ पिशवी के गाठ का ऑपरेशन हुआ। उसमें मुझे लिओमाओसारकोमा कैंसर डिटेक्ट हुआ। मैंनेे इसके लिए 25 रेडिएशन लिए। फिर उसके बाद मैंने जब पी.ई.टी. स्कॅन किया, तो वह कैंसर छाती, पीठ और भी जगह फैल गया था। मुझे डॉक्टर ने केमोथेरपी का सल्ला दिया। मैंने दो किमो और आयुर्वेदिक उपचार भी किए। लेकिन कोई फर्क नही दिख रहा था।
तभी मेरी बेटी को उसकी सहेली ने मुझे आनंदकुंज में ले जाने को कहा। तभी मैं और मेरी बेटी आनंदकुंज में नॅचरोपॅथी उपचार के लिए दाखिल हो गए।
यहा आकर पहले शिवाम्बु के माध्यम से शरीर की अंदर और बाहर से शुद्धी की गई। उसके साथ मन, विचार, आंतरमन की शुद्धी करके जीवन का आनंद अनुभवने को मिला। आमरोली योग, योगासन, प्राणायाम, आहार प्रत्याहार, शिवाम्बू उपवास करके बीमारी ठीक करने का प्रशिक्षण मिला।
यहा पर मेरी बीमारी का असली कारण मुझे पता चला। यहां पर दस दिन का उपचार लेने के बाद, शिवाम्बू लेने के बाद मेरी कैंसर की तकलीफ कम हो गई और उसके साथ मेरा थोड़ा वजन भी कम हो गया।
इन सब से मैं अभी बहुत खुश हूं। यहां से जाने के बाद सर ने जो घर में करने के लिए पत्थ्य कहा हैं उसका मैं पूरी तरह से पालन करूंगी। और मेरी इस बीमारी से मुझे मुक्ती मिलेगी।
यहा पर शाम को सत्संग होता है उससे मन को शांति मिलती है। उसके साथ ही यह शिवाम्बू उपचार पद्धती किन-किन बीमारियों पर औषधी है इसका पता चलता है। हर तरह के बीमारी की जानकारी मिली। हमे उस वक्त कैसा आहार लेना है और क्या - क्या करना है इन सब के बारे में जानकारी हासिल हो गई।
यहां पर मैं दोबारा जरूर आने का प्रयास करूंगी। यह आनंदकुंज ऐसे ही सभी बीमारों को सेवाएं देकर, उनकी तकलीफ कम करने में, उन्हें सहाय्य करेगा ऐसा मुझे विश्वास है।