अर्थरायटिस की तकलीफ से मैं मुक्त हो रहा हूँ।
सबसे पहले डॉ. शशी पाटील जी का कोटी कोटी आभार!!! केवल उनके श्रमदान से निर्मित इस आनंदकुंज की आनंदभूमी में आने का सौभाग्य मिला।
मेरे पाठशाला के एक कर्मचारी की तरफ से मुझे मिले, ‘मुळनक्षत्री’ यह, डॉ. शशी पाटील जी का आत्मचरित्र पढने के बाद, मैंने मेरी अर्थराइटीस की बीमारी के इलाज के लिए, आनंदकुंज आने का फैसला किया।
आनंदकुंज में आने के बाद, यहां के डॉक्टर्स की सुचनाअनुसार, शिवाम्बुपान और शिवाम्बु उपवास के साथ यहां के मेरे इलाज की शुरूवात हुई। हर सुबह का व्यायाम, अमृतपानद्वारा शरीरशुद्धी के कारण यहा आने के बाद, शुरूआती 2-3 दिनों में ही मुझे मेरे पुराने पीठ दर्द से छुटकारा मिला। उसके साथ ही, मसाज, मडबाथ, सनबाथ, स्टीमबाथ, भुगर्भस्नान इन जैसे नैसर्गिक उपचार पद्धतीयों का भी मुझे लाभ मिला।
इन उपचारों के वजह से मुझे मेरी तकलीफ में जो लाभ मिला है, उसके लिए मैं यही कहना चाहूँगा की, 'न कोई दवाई, न कोई गोली, फिर भी मुझे अर्थराइटीस मुक्ती मिली।' सच में यहाँ के इन दस दिनों में मुझे अर्थराइटीस के कारण होनेवोले तकलीफों में अपेक्षा से ज्यादा लाभ मिला। उसके साथ ही यहांपर हर शाम को हानेवाले सत्संग ने तो मेरे मन को तरोताजा कर दिया।
मुझे आनंदकुंज में मिले ज्ञान का उपयोग, मैं मेरे दोस्तों और समाज के लोगों के लिए जरूर करूंगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग, इस उपचार पद्धती का लाभ ले सके। आनंदकुंज का नाम दुनियाभर जाना जाए ऐसी शुभकामनाएं। धन्यवाद आनंदकुंज!